कैसे बताऊ मैं तुम्हे मेरे लिए तुम कौन हो
कैसे बताऊ मैं तुम्हे मेरे लिए तुम कौन हो
कैसे बताऊ मैं तुम्हे मेरे लिए तुम कौन हो
पुरातन भारत की विश्व में एक पहचान हो
लाज रखे जो दुनिया की वो सबसे बड़ा तुम फूल हो
लाज रखे जो दुनिया की वो सबसे बड़ा तुम फूल हो
बुनियादि जरूरतो में अ-व-नि का तुम मध्य हो
हर शरीर की लाज ढके ऐसा तुम वस्त्र हो
हर शरीर की लाज ढके ऐसा तुम वस्त्र हो
इचलकरंजी में तुम, सोलापूर चादर में तुम
बम्बई की मीलो से लेके मैंचेस्टर फैक्ट्रिया हो तुम
बम्बई की मीलो से लेके मैंचेस्टर फैक्ट्रिया हो तुम
बापू की धोती भी तुम, बापू का पंचा भी तुम
बापू के चरखे से निकला, हर एक धागा भी तुम
बापू के चरखे से निकला, हर एक धागा भी तुम
दादी माँ की साडी हो, दादाजी का जनेवा हो
भगवान के सामने दिए में जलने वाली बाती हो
भगवान के सामने दिए में जलने वाली बाती हो
किसानो से ख़रीदा जाये तो चालीस रुपये किलो हो तुम
मॉल की दुकानो में हजार का सौ ग्राम तुम
मॉल की दुकानो में हजार का सौ ग्राम तुम
विदर्भ को मिली तुमसे सफ़ेद सोने की पहचान
आज की तारीख में हैरान है सारे किसान
आज की तारीख में हैरान है सारे किसान
धागा जब आड़ा मिले तो उसका कपड़ा बने
धागा जब खड़ा गुंफे तो उसकी ही डोर बने
उसी डोर से बना पेड़ो पर झूला हो तुम और...
उसी डोर से बना किसान का फंदा हो तुम
धागा जब खड़ा गुंफे तो उसकी ही डोर बने
उसी डोर से बना पेड़ो पर झूला हो तुम और...
उसी डोर से बना किसान का फंदा हो तुम
कैसे बताऊ मैं तुम्हे मेरे लिए तुम कौन हो
कैसे बताऊ मैं तुम्हे मेरे लिए तुम कौन हो
कैसे बताऊ मैं तुम्हे मेरे लिए तुम कौन हो
दि. ३० जानेवारी २०१६
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