शिवजी: मेरा पूरा लाईफ ही चेंज हो गया रे..
राहुलजी: लाईफ चेंज होता है तो होने दो। मैंने हमेशा ऐसाहीच किया। लाईफ के साथ कभी इंटरफियर नहीं।
शिवजी: दूसरों के लाईफ के साथ इंटरफियर करता है वो चलता है?
राहुलजी: क्या करें? अपना कामही ऐसा है। लेकिन मैंने अपने लाईफ के साथ कभी दखलअंदाजी नहीं किया। जो हुआ, होने दिया। कसम से... अभी आप ही सोचो, जो आदमी कुछ भी नहीं था, ज्यादा पढ़ा नहीं, आज उसके पास... ये....
शिवजी: क्या, ये क्या?
राहुलजी: स्ट्रेंथ
शिवजी: इसको स्ट्रेंथ नहीं, न्यूसन्स व्हॅल्यू बोलते है।
राहुलजी: बोले तो?
शिवजी: देख, स्ट्रेंथ का मतलब है, ताकत। मैंने कभी पॉलिटिक्स किया नहीं। हिमालय से लेकर रामेश्वरम् तक भारतीय मुझे पूजते है। लेकिन तू ने और तेरी पार्टी ने हमेशा मुझे इग्नोअर किया। जिन्होने मेरी मूर्तीयो को मंदिरो को तोडा उनसे तुम्हारी पार्टी के कई लोगों को हमदर्दी है। शायद तुझे भी होगी। फिर भी तू मेरा नाम लेता है। मेरे मंदिर मे आकर मेरी पूजा करता है। खुद को जनेऊ धारी हिंदू कहेलाता है। तेरे पार्टीवाले भी आपस में मेरी बजाते है लेकिन सबके सामने मेरे आगे झुकते है। इसको बोलते है स्ट्रेंथ। तू गुजरात मे हिंदू बोल के मेरी पूजा करता है और उसी दौरान कर्नाटक मे मेरे नाम से लिंगायत/वीरशैव का प्रयोग कर के हिंदुओ मे अलगाव फैलाता है। अब तू ने मेरी पूजा शुरू की। अब तेरे दिमाग में चल रहा है की इसका फायदा कैसे उठाऊँ? इसको ऐसे इस्तेमाल करूँ की वैसे इस्तेमाल करूँ... भाजपा को गुजरात मे छोटा झटका दिया। अब आगे इसको कैसे वापरू मैं? कहा हिंदू बना के पेश करू, कहा अलग धर्म की मग करके वोटो को बटेरू? ये सब जो सोच रहा है ना, उसको बोलते है न्यूसन्स व्हॅल्यू। क्या हँस रहा है, मै तो कब से यही हू। इतिहास जानता है की तेरे परनाना ने मेरा मंदिर बनाने को सरदार पटेल को विरोध किया था। वो तो सोमनाथ मे राजेंद्र बाबू आने से भी परेशान थे। फिर भी मंदिर बना और तू यहा आया मुझे प्रणाम करने.....स्ट्रेंथ।
शिवजी: दूसरों के लाईफ के साथ इंटरफियर करता है वो चलता है?
राहुलजी: क्या करें? अपना कामही ऐसा है। लेकिन मैंने अपने लाईफ के साथ कभी दखलअंदाजी नहीं किया। जो हुआ, होने दिया। कसम से... अभी आप ही सोचो, जो आदमी कुछ भी नहीं था, ज्यादा पढ़ा नहीं, आज उसके पास... ये....
शिवजी: क्या, ये क्या?
राहुलजी: स्ट्रेंथ
शिवजी: इसको स्ट्रेंथ नहीं, न्यूसन्स व्हॅल्यू बोलते है।
राहुलजी: बोले तो?
शिवजी: देख, स्ट्रेंथ का मतलब है, ताकत। मैंने कभी पॉलिटिक्स किया नहीं। हिमालय से लेकर रामेश्वरम् तक भारतीय मुझे पूजते है। लेकिन तू ने और तेरी पार्टी ने हमेशा मुझे इग्नोअर किया। जिन्होने मेरी मूर्तीयो को मंदिरो को तोडा उनसे तुम्हारी पार्टी के कई लोगों को हमदर्दी है। शायद तुझे भी होगी। फिर भी तू मेरा नाम लेता है। मेरे मंदिर मे आकर मेरी पूजा करता है। खुद को जनेऊ धारी हिंदू कहेलाता है। तेरे पार्टीवाले भी आपस में मेरी बजाते है लेकिन सबके सामने मेरे आगे झुकते है। इसको बोलते है स्ट्रेंथ। तू गुजरात मे हिंदू बोल के मेरी पूजा करता है और उसी दौरान कर्नाटक मे मेरे नाम से लिंगायत/वीरशैव का प्रयोग कर के हिंदुओ मे अलगाव फैलाता है। अब तू ने मेरी पूजा शुरू की। अब तेरे दिमाग में चल रहा है की इसका फायदा कैसे उठाऊँ? इसको ऐसे इस्तेमाल करूँ की वैसे इस्तेमाल करूँ... भाजपा को गुजरात मे छोटा झटका दिया। अब आगे इसको कैसे वापरू मैं? कहा हिंदू बना के पेश करू, कहा अलग धर्म की मग करके वोटो को बटेरू? ये सब जो सोच रहा है ना, उसको बोलते है न्यूसन्स व्हॅल्यू। क्या हँस रहा है, मै तो कब से यही हू। इतिहास जानता है की तेरे परनाना ने मेरा मंदिर बनाने को सरदार पटेल को विरोध किया था। वो तो सोमनाथ मे राजेंद्र बाबू आने से भी परेशान थे। फिर भी मंदिर बना और तू यहा आया मुझे प्रणाम करने.....स्ट्रेंथ।
(मूळ संवाद - संदीप श्रीवास्तव. चित्रपट - अब तक छप्पन. मूळ विडंबन (गांधीजी/मोदीजी) Utpal VB. हलकेच घेणे ही विनंती. राहुल गांधींचा मानभंग हा हेतू नाही. तरी मानभंग वाटल्यास क्षमस्व.)
दि. ३० जानेवारी २०१८
दि. ३० जानेवारी २०१८
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